हिंदू:जगण्याची समृद्ध अडगळ Hindu: Jaganyachi sammruddh adagal



अतिशय कंटाळवाणं. का लिहिलंय तेच कळत नाही. आणि आपण का वाचतोय ते कळत नाही.

गावा गावात घडणाऱ्या रिकामटेकड्या पारावरच्या गप्पा  रेकोर्ड करून लिहून काढल्या आहेत असं वाटतं.
त्या तात्पुरत्या मनोरंजक वाटतात पण त्यातून हाती काही लागत नाही. आणि या गप्पा पण कुठलाही आगापिछा नाही सूत्र नाही अशा पद्धतीने मांडल्याने एखाद्या गावकऱ्याची दारूच्या नशेत केलेली असंबद्ध बडबड वाटते.

एकूणच हे पुस्तकच "वाचनालयातील एक असमृद्ध अडगळ" आहे.

----------------------------------------------------------------------------------
मी दिलेली पुस्तक श्रेणी  :- नावाठी ( नाही वाचलं तरी ठीक  )
----------------------------------------------------------------------------------




----------------------------------------------------------------------------------
आवा ( आवर्जून वाचा )
जवा ( जमल्यास वाचा )
वाठीनावाठी ( वाचलं तर ठीक नाही वाचलं तरी ठीक )
ना
वाठी ( नाही वाचलं तरी ठीक  )
----------------------------------------------------------------------------------

No comments:

Post a Comment

सुगंध गमावलेला मोगरा (Sugandh gamavalela mogara)

पुस्तक - सुगंध गमावलेला मोगरा (Sugandh gamavalela mogara) लेखक - बेन्यामिन (Benyamin) अनुवादक - ए आर नायर , जे ए थेरगावकर (A.R.Nair, J.A. Th...