અકૂપાર-अकूपार-Akoopar



गीरच्या जंगलावरचं हे पुस्तक मी गुजराथीतून वाचलं.  एकदम वाचनीय. गीरचं जंगल, त्यातले सिंह,  त्यातल्या वनवासींचे त्यांच्याशी असलेले प्रेमाचे संबंध या सगळ्याचं चित्रण आपल्याला गीरलाच घेऊन जातो.

निसर्गातली आव्हानं, वनवासींनी त्याच्याशी जुळवून घेत-एकरूप होत घडवलेली जीवनशैली माझ्या सारख्या शहरी व्यक्तीलाही अंतर्मुख करते.

या पुस्तकाचं मराठी भाषांतरही उपलब्ध आहे. ते मी वाचलं नाही. पण मूळ गुजराथी पुस्तकच शक्य असेल त्यांनी वाचावं

----------------------------------------------------------------------------------
मी दिलेली पुस्तक श्रेणी  :- आवा ( आवर्जून वाचा )
----------------------------------------------------------------------------------




----------------------------------------------------------------------------------
आवा ( आवर्जून वाचा )
जवा ( जमल्यास वाचा )
वाठीनावाठी ( वाचलं तर ठीक नाही वाचलं तरी ठीक )
ना
वाठी ( नाही वाचलं तरी ठीक  )
----------------------------------------------------------------------------------

No comments:

Post a Comment

जा जरा पूर्वेकडे (Ja jara purvekade)

पुस्तक - जा जरा पूर्वेकडे (Ja jara purvekade) लेखक - आशुतोष जोशी (Ashutosh Joshi) अनुवाद - सविता दामले, मोहना प्रभुदेसाई जोगळेकर (Savita Dam...